श्री राधा-कृष्ण मंदिर में वट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या पर विशेष पूजा-अर्चना, भजन संध्या में झूमे श्रद्धालु

रांची, 26 मई: श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित पुंदाग स्थित श्री कृष्ण प्रणामी मंगल राधिका सदानंद सेवा धाम श्री राधा-कृष्ण मंदिर में वट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या का पावन पर्व अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर वृंदावन की भक्ति-रसधारा से सराबोर हो उठा।

🌿 विशेष पूजा-अर्चना व भव्य श्रृंगार

मंदिर में श्री राधा-कृष्ण का अलौकिक श्रृंगार, विशेष पूजा, प्रसाद भोग, सामूहिक महाआरती और भजन संध्या का आयोजन किया गया। पुजारी अरविंद पांडे द्वारा श्री राज श्याम जी को फल, मेवा, चूरमा और पेड़ा सहित विविध भोग अर्पित किए गए। पूरे विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और भक्तिरस में डूबे माहौल में पूजा संपन्न हुई।

🙏 श्रद्धालुओं ने मांगी सुख-समृद्धि की कामना

सैकड़ों श्रद्धालु, विशेषकर बड़ी संख्या में महिलाएं, मंदिर में एकत्रित हुईं और हाथ जोड़कर अपने परिवार की सुख-शांति और सौभाग्य के लिए भगवान राधा-कृष्ण से प्रार्थना की। सभी ने सामूहिक रूप से महाआरती में भाग लिया, जिसके बाद प्रसाद वितरण हुआ।

🎶 भजन संध्या में गूंजे भक्तिरस के स्वर

भजन संध्या में ट्रस्ट के भजन गायक मनीष सोनी ने भजनों की मधुर प्रस्तुतियों से वातावरण को कृष्णमय बना दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत कुछ प्रमुख भजनों ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया:

  • “कर लो सावित्री पूजा, जीने का सहारा है…”
  • “देना हो तो दीजिए जनम-जनम का साथ…”
  • “कान्हा ने किया मिस कॉल, राधा बोले हेलो हेलो…”
  • “नाचो गाओ, खुशी मनाओ, झूमो रे सब आज कन्हैया आया है…”

इन भजनों ने श्रद्धालुओं को रसविभोर कर दिया और मंदिर परिसर भक्ति और प्रेम की ऊर्जा से भर गया।

📜 पर्व का महत्व

ट्रस्ट प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि वट सावित्री व्रत भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वट वृक्ष की पूजा से त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है।

यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि नारी शक्ति, समर्पण और प्रेम का भी प्रतीक है।

👥 प्रमुख लोग रहे उपस्थित

इस पावन अवसर पर डुंगरमल अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, निर्मल जालान, मनोज चौधरी, सज्जन पाड़िया, पूरणमल सर्राफ, सुरेश भगत, सुरेश अग्रवाल, नंदकिशोर चौधरी, पवन पोद्दार, शिव भगवान अग्रवाल, विशाल जालान, संजय सर्राफ, सुनील पोद्दार, अरविंद अग्रवाल, विष्णु सोनी, मधु जाजोदिया, अंजनी अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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